रामकथा में कथा वाचक ने सुनाई रामवनवास की कथा,,भावुक हुए श्रोता

Jalaun news today । जालौन क्षेत्र के उदोतपुरा गांव में लक्ष्मनजू के मंदिर परिसर में चल रही रामकथा के चौथे दिन कथा वाचक ने राम वनवास की कथा का वर्णन किया।
कथा वाचक पंडित संजय पांडेय ने अयोध्या का वर्णन करते हुए कहा कि राजा दशरथ चाहते हैं कि श्रीराम का राज्याभिषेक किया जाए और अपने गुरु वशिष्ठ से राज्याभिषेक के लिए कहते हैं। इससे देवता व्याकुल हो उठते हैं और माता सरस्वती से प्रार्थना करते हैं कि मंथरा की बुद्धि को भ्रमित कर दे, क्योंकि अगर श्रीराम राज्य के कार्यों में उलझ गए तो राक्षसों का वध कौन करेगा। इसके बाद और कैकेयी-मंथरा का संवाद होता है। मंथरा कैकेयी को राजा द्वारा दिए गए वचनों को याद दिलाती है और कैकेयी राजा दशरथ को जाकर इन्हीं वचनों को याद दिलाती है। वह राम को वनवास और भरत को राज्य सौंपने की जिद करती है। इसके बाद राजा दशरथ दबाव में आकर मान जाते हैं और श्रीराम को न चाहते हुए भी वनवास जाने का आदेश दे देते हैं। राम वनवास की कथा को सुनकर भक्तों की आखें नम हो गईं। इस मौके पर पारीक्षित नैपाल सिंह राजावत, रामश्री देवी, प्रताप सिंह राजा, देवेंद्र तोमर, रामजीवन सिंह, कल्लू राजावत, राजाबाबू चौहान, संतोष सिंह, कृष्णा राजावत, सुधा देवी, रामकुमारी, श्वेता, सपना, पप्पी, अंजली आदि मौजूद रहे।

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