जुमार्ना की अधिकतम धनराशि ₹200 से उठा विवाद,, सीएमओ ने बताया ₹200 है अधिकतम जुमार्ना
(ब्यूरो रिपोर्ट)
Jalaun news today । सावर्जनिक सरकारी दफ्तरों में धूम्रपान करना प्रतिबंधित है और ऐसा करने वालों के खिलाफ जुर्माने का भी प्रावधान प्रशासन द्वारा तय किया गया है। जालौन के उरई में आज कलेक्ट्रेट के एक लिपिक ने तो वहां आए हुए एक युवक को गुटखा खाए जाने के एवज में ₹500 के जुर्माने की रसीद काट दी । हालांकि युवक ने पैसा जमा कराया लेकिन उसका आरोप है कि संबंधित लिपिक ने द्वेष भावना से उसकी जुमार्ने की रसीद काटी है अधिकतम जुर्माना ₹200 निश्चित है बावजूद इसके उस पर ₹500 का जुमार्ना लगा दिया गया है। वही इस मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उनका भी साफ कहना है कि गुटखा खाए जाने पर₹200 के जुमार्ने की रसीद काटी जाती है।
हमारे स्थानीय सहयोगी से मिली जानकारी के अनुसार उरई नगर के मोहल्ला राजेंद्र नगर निवासी राजेश मिश्रा जो कि किसी काम से कलेक्ट्रेट गए हुए थे । बताया जा रहा है कि जब वह हैसियत प्रमाण पत्र पटल पर मौजूद लिपिक श्रीकांत कटियार से बात कर रहे थे तो उसी वक्त लिपिक ने उनसे गुटखा खाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि तुम्हारे ऊपर जुमार्ना लगाया जा सकता है इस पर पहले तो दोनों में कुछ कहा सुनी हुई फिर बाद में उक्त लिपिक ने जुर्माने की रसीद निकाल कर उनके नाम से काट दी हालांकि उक्त युवक राजेश मिश्रा ने जुर्माने की धनराशि तो जमा कर दी लेकिन वह इस बात से खफा नजर आए की वह जब गुटखा खा नहीं रहे थे तो उनके खिलाफ जुर्माने की रसीद क्यों काटी गई है। फिलहाल इस मामले को लेकर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जुर्माने की धनराशि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अधिकतम ₹200 का ही जुमार्ना का प्रावधान है।