जालौन में जन संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने सौंपा एसडीएम को ज्ञापन,,की ये मांग

रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन नगर के देवनगर चौराहा पर प्रथम महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं जालौन की अंतिम शासिका महान वीरांगना ताईबाई की प्रतिमा स्थापित कराने को लेकर जन संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है।
जन संघर्ष मोर्चा के रमेशचंद्र गुप्ता, डॉ. रामकिशोर, निर्दोष कुमार चतुर्वेदी, अनुराग चतुर्वेदी, पवन कुमार आदि ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन एसडीएम विनय मौर्य को सौंपकर बताया कि वर्ष 1804 में महाराजा बालाराव की मृत्यु के बाद अंग्रेजों ने जालौन राज्य को ईस्ट इंडिया कंपनी के राज्य में मिलाने की घोषणा कर दी थी। लेकिन ताई बाई और जालौन राज्य की जनता ने इस विलय को स्वीकार नही किया। बिठूर के पेशवा नाना धुंधपन्त ने तात्या टोपे को भेजकर पेशबाई के अधिकार से पांच वर्षीय गोविंदराव को जालौन राज्य का राजा घोषित कर दिया और ताई बाई को उनका संरक्षक बनाकर शासन चालाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई। ताई बाई ने जालौन में स्वतंत्र क्रांतिकारी सरकार की घोषणा कर दी। ताई बाई ने तात्या तोपे को पेशवाई राज्य का सेनापति बनाया। ताई बाई ने आर्थिक और सैन्य मदद के साथ अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। इसे जालौन नगर की जनता ने सहर्ष स्वीकार किया। सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में नानाराव पेशवा के निर्देश पर जालौन की शासक ताई बाई युद्ध में कूद पड़ी। अंग्रेजों से पराजित होने पर अंग्रेजों ने ताई बाई को मुंगेर (बिहार) जेल में उनके पति के साथ साथ अधिकांश जीवित बचे साथियों को जीवन पर्यन्त कैद में रखा। जालौन राज्य के सात मंजिला भव्य किले कोतोपों से बिस्मार कर दिया गया। जालौन नगर को तहस नहस कर किले को खोदकर सन 1881 में पीजे व्हाईट नामक अंग्रेज के नाम पर व्हाईटगंज बाजार बना दिया, जिसे अब बैठगंज कहते है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में जिले की प्रथम महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ताई बाई पर जालौन को हमेशा गर्व रहेगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि महान क्रांतिकारी ताई बाई की प्रतिमा नगर के देवनगर चौराहे पर स्थापित की जाए ताकि नगर की जनता उन्हें हमेशा याद रख सके।

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