Jalaun news today । चैत्र मास के नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की गई। सुबह से मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। भक्तों ने मां के मंदिर में पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
नवरात्र पर नगर के बड़ी माता मंदिर, छोटी माता मंदिर, कामाख्या मंदिर, दुर्गा मंदिर आदि देवी मंदिर पर बड़ी संख्या में श्रृद्धालु पहुंच रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित देवी मंदिरों पर भी श्रृद्धालु उमड़ रहे हैं। चैत्र मास के नवरात्र के तीसरे दिन श्रृद्धालुओं ने देवी मंदिरों में जाकर मां के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की।
पंडित अरविंद बाजपेई बताते हैं कि माता के माथे पर चमकते हुए चंद्रमा के कारण ही उनके तीसरे स्वरूप का नाम चंद्रघंटा पड़ा है। मां चंद्रघंटा शेरनी की सवारी करती हैं। माता का शरीर सोने के समान चमकता है। मां चंद्रघंटा की पूजा करने वाले सदैव तेज को प्राप्त होते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा साक्षात भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए तैयार रहती है। मां की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। सुबह से ही भक्तों ने मंदिरों में पहुंचकर माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।