रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन नगर के रामलीला महोत्सव में 8 वे केवट संवाद, दशरथ मरण तथा भरत मिलाप की लीला का मंचन किया गया। जिसमें सबसे दर्शकों का आकर्षण का केंद्र मुरलीमनोहर तालाब पर राम-केवट संवाद का मंचन रहा। तो वहीं, हास्य कलाकार बबलू दीवाना द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन कर लोगों को ठहाके लगाने के लिए मजबूर कर दिया।
रामलीला महोत्सव में 176वें लीला का चलायमान मंचन किया गया। सरयू नदी की लीला का मंचन मुरलीमनोहर तालाब पर किया गया। नगर में चलायमान लीला देखने वालो का हुजूम रहा। मंचन के दौरान राम-केवट संवाद का प्रथम दृश्य अवलोकन कराया गया। जिसमें प्रभु राम को गंगा पार जाने के लिए नाव की जरूरत थी। तो वहीं केवट उनके चरणों को पखारने के लिए आतुर था। इसी संवाद में बैठे दर्शकों ने खूब आनंद उठाया। केवट द्वारा कहा गया ‘कुछक तुमऊ काले, कछुक हमऊ काले, आज खूबईं मिलाए दो काले-काले।’

इसी प्रसंग को लेकर राम व केवट के बीच जमकर तकरार होती रही। अंत में ‘सुन केवट के बैन, प्रेम लपेटे अटपटे, बहसै करूना अयन, चितय जानकी लखन तनय’ के साथ प्रभु राम केवट की जिद को स्वीकार कर अपने चरणों को स्पर्श करवाकर नाव से उस पार चले गए। इससे पूर्व, प्रभु भु राम ने मंत्री सुमंत को वहीं से वापस भेज दिया। जब सुमंत के अकेले वापिस आने की सूचना जैसे ही राजा दशरथ को मिली, उसी समय उन्होंने अपने प्राणों का परित्याग कर दिया। जब यह समाचार भरत तथा शत्रुघ्न को भेजा गया, तो वह अपने ननिहाल से अयोध्या आए और अपने बड़े भाई श्रीराम को न देखकर दुःख प्रककट करते हुए राम को मनाने के लिए चल दिए। रामलीला के मंचन में राम की भूमिका में संतोष दुबे बरौदा झांसी जानकीजी रामदूत तिवारी, लक्ष्मणजी गणेश दुबे व सत्यव्रत तिवारी, हनुमानजी संतोष गुसाई, परशुराम संदीप मिश्रा , दशानन प्रहलाद सिंह के अलावा उमेश दुबे, रामभूषण उदैनियां, रमेशचंद्र दुबे, प्रयाग गुरू, भानु शर्मा, राजकुमार आचार्य, श्याम जादौन, सिद्धार्थ पोरवाल, प्रिंस उर्फ डुग्गू चतुर्वेदी ने भूमिका निभाई। तो वहीं नृत्यकार तितली रानी, मनुरानी साहिल तथा हास्य कलाकार बबलू दीवाना ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन कर उपस्थित दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा तथा हसने को विवश किया।
