(रिपोर्ट – बबलू सेंगर)
Jalaun news today । होली के पर्व के बाद भाइ बहिन के प्रेम व विश्वास के प्रतीक भाई दूज का पर्व बहनों ने भाइयों को तिलक कर मनाया। भाइयों ने भी बहिनों को उपहार भेंट किए।
हिंदी कैलेंडर का आखिरी महीना फाल्गुन होता है जो कि होली के पर्व के साथ समाप्त होता है। इसके बाद नए वर्ष का पहला माह चैत्र शुरू होता है। इस माह की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है जिसे भाई दूज कहते हैं।
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होली के बाद आने वाला भाई दूज का यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह उनके द्वारा साझा किए जाने वाले स्नेह का भी उत्सव है। इस खास दिन पर, भाई-बहन अपने बंधन को मजबूत करते हैं और एक-दूसरे के प्रति अपनी समर्पण को दिखाते हैं। बुधवार को मनाए गए भाई दूज पर बहिनों ने भाइयों के लिए खास पूजा की और उन्हें चौक पर बैठाया। भाईयों के माथे पर हल्दी व कुमकुम का तिलक लगाया। उनकी आरती कर उनकी लंबी उम्र की कामना की। मान्यता है कि इस दिन शादीशुदा बहिनें अपने भाई घर आने का न्योता देती हैं और तिलक करने के बाद भोजन कराती हैं। ऐसा माना जाता है कि भाइयों पर अपनी बहनों की रक्षा करने की जिम्मेदारी होती है और बहिनों में अपने भाइयों को आशीर्वाद देने की शक्ति होती है। पर्व के उपरांत भाइयों और बहिनों ने सोशल मीडिया पर जमकर फोटो शेयर की।