रिपोर्ट : आशुतोष शर्मा

Jalaun news today । जालौन जनपद में यमुना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण कालपी, जालौन और माधौगढ़ तहसीलों के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को तेज कर दिया है।

जनपद के विभिन्न बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के निरीक्षण मूलचंद निरंजन विधायक माधोगढ़ विधायक कालपी विनोद चतुर्वेदी, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय और पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने आज माधोगढ़ तथा कालपी तहसील के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थलीय निरीक्षण करते हुए प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की। माधौगढ़ तहसील में विधायक मूलचंद निरंजन एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संजय कुमार ने प्रभावित गांवों का भ्रमण किया और राहत सामग्री का वितरण किया। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक जनहानि अथवा पशुहानि की कोई सूचना नहीं है, लेकिन जलस्तर में और वृद्धि की संभावना को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1 अगस्त को दोपहर 4 बजे कालपी केन्द्र पर यमुना नदी का जलस्तर 111.95 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 108 मीटर से 3.95 मीटर अधिक है। जनपद में चेतावनी बिंदु 107 मीटर निर्धारित है। बाढ़ से कालपी तहसील के पड़री, रायड़ दिवारा, गूढ़ा खास, उरकराकला, सिमरा शेखपुर, मंगरौल, एकौना और गुलौली जैसे 8 गांव, माधौगढ़ तहसील के 11 गांव और जालौन तहसील के 6 गांव अत्यधिक प्रभावित हुए हैं। प्रशासन के अनुसार कुल 18,650 व्यक्ति बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रशासन द्वारा अब तक 28 राहत केंद्र स्थापित कर दिए गए हैं, जहां भोजन, स्वास्थ्य, पेयजल, पशु चारे और दवा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में 62 छोटी नावें, 27 बड़ी नावें और 31 मोटरबोट लगाई गई हैं। एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर तैनात है। बाढ़ से कालपी में 14, माधौगढ़ में 19 और जालौन में 13 गांवों की कृषि भूमि भी प्रभावित हुई है। नदी किनारे बसे सभी संवेदनशील गांवों में बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया गया है। उपजिलाधिकारी, राजस्व कर्मी, स्वास्थ्य, पशुपालन, पंचायत राज व पुलिस विभाग की टीमें मौके पर डटी हुई हैं।

जनप्रतिनिधियों के सहयोग से राहत किटों का वितरण भी किया जा रहा है। अब तक कुल 1,095 राहत किट प्रभावितों को वितरित की जा चुकी हैं। जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन और ग्रामीणों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

