रिपोर्ट बबलू सेंगर

Jalaun news today । जालौन नगर के मोहल्ला जोशियाना में स्थित घाटे वाले श्री हनुमान जी के मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन श्रीकृष्ण रासलीला का वर्णन भागवताचार्या ने किया। कथा में श्रीकृष्ण की लीलाओं को सुनकर भाव विभोर हो गये। कथा प्रारंभ करते हुए भागवताचार्य दिलीप कुमार दीक्षित ने भगवान श्रीकृष्ण की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है। कहा कि जब जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाता है। लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ। रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती। यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नही तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत ही प्राप्त हो जाती है। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।