रामकथा का श्रवण कर मंत्रमुग्ध हुए श्रोता,,

Jalaun news today । जालौन क्षेत्र के तुलसीधाम कुंदनपुरा में रामकथा के आयोजन में रामचरित मानस प्रवक्ता ने रामकथा की महिमा का वर्णन किया। कहा कि रामकथा को सुनने से व्यक्ति सद्चरित बनता है।
रामचरित मानस प्रवक्ता रामसखी देवी ने तुलसीधाम कुंदनपुरा में आयोजित रामकथा में कहा कि रामायण हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों में से एक है। इसमें रचित सभी गुण जीवन के लिए हितकारी हैं। कहा कि ये सभी गुण व्यक्ति को सत्य व सफलता के मार्ग बताते हैं। रामायण में भगवान श्रीराम के गुणों का उल्लेख किया गया है। रोजाना रामायण का पाठ करने से जीवन के सही मोल का पता चलता है। साथ ही मनुष्य के सभी कष्ट भी खत्म हो जाते हैं। रामयण केवल धर्मिक ग्रंथ ही नहीं, बल्कि मनुष्य को जीवन की सीख भी देती है। स्वयं माता सती ने पार्वती रूप में अपना संदेह दूर करने भगवान शंकर से रामकथा सुनी। सती द्वारा भगवान राम की परीक्षा लेने का वृतांत सुनाते हुए कहा कि कभी भी अपने से बड़ों की परीक्षा नहीं लेना चाहिए यह सती परीक्षा का संदेश है। रामकथा महामोह रूपी महिषासुर को मारने वाली है राम कथा चंद्रकिरण के समान शीतलता प्रदान करने वाली है। भ्रम और भक्ति में संदेह दूर करने का सर्वाेत्तम उपाय दीर्घकाल तक रामकथा श्रवण करना है। रामकथा जीवन मुक्त विषयी साधक और सिद्ध सभी को इच्छित फल प्रदान करती है। इस मौके पर गुरू सियारामदास, आयोजक लखन शरन, धीरज सिंह तोमर, बुद्ध सिंह चौहान, गजेंद्र सिंह चौहान, प्रयाग सिंह, बिश्राम सिंह, राधे सिंह, देव सिंह, शंकर सिंह, धर्मेंद्र सिंह, लालसिंह पाल, शीलू, सूर्यभान सिंह, शंकरीया सिंह, हरपाल, करनपाल, मोहर सिंह, धीरेंद्र पाल, मंगल, विक्रम, चंद्रभान, चंद्रपाल, छोटू, राजकुमार, सोनू, पूनम, अकांक्षा, पूजा, किशुन मूर्ति, किशोरी, रामवती, रानी आदि मौजूद रहे।

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