Jalaun news today । हीरापुर माइनर के एक ओर कुंठौंदा बुजुर्ग व दूसरी ओर हीरापुर गांव है। इस माइनर से होकर निकले चकरोड पर पुलिया ने होने से ग्रामीणों को घूमकर अपने खेतों तक पहुंचना पड़ता है। ग्रामीणों ने इस माइनर पर पुलिया बनवाने की मांग बेतवा नहर प्रखंड के अधिशाषी अभियंता से की थी। जिस पर अधिशाषी अभियंता द्वारा उच्चधिकारियों से अनापत्ति प्राप्त करने के लिए पुलिया की ड्राइंग व डिजायन उपलब्ध कराने के लिए बीडीओ को पत्र लिखा गया।
कुठौंदा बुजुर्ग व हीरापुर गांव के निवासी गजेंद्र सिंह सेंगर, अमित कुमार, राहुल, विकास, जितेंद्र आदि ने बताया कि हीरापुर से कुठौंदा बुजुर्ग गांव के बीच चकरोड निकला है। इस चकरोड के बीच में हीरापुर माइनर है। हीरापर माइनर पर पुलिया न होने से दोनों ही गांव के किसान परेशान हैं। बताया कि कुठौंदा बुजुर्ग के कुछ किसानों के खेत हीरापुर मौजा में हैं और हीरापुर गांव के कुछ किसानों के खेत कुठौंदा बजुर्ग मौजा में हैं। ऐसे में दोनों ही गांवों के किसानों को खेती किसानी के काम से इधर उधर जाना पड़ता है। चकरोड पर पुलिया न होने से अभी किसानों को काफी चक्कर लगाकर अपने खेत तक पहुंचना पड़ता है। यदि इस चकरोड पर पुलिया का निर्माण करा दिया जाता है तो किसानों को काफी लाभ होगा। इसको लेकर उन्होंने बेतवा नहर प्रखंड के अधिशाषी अधिकारी को पत्र लिखा था। जिस पर पुलिया निर्माण की रूपरेखा बनाई जा रही है। उनकी शिकायत के उत्तर में जो जबाव आया है उसमें बताया गया है कि पुलिया निर्माणके लिए सर्वे कर लिया गया है। माइनर के किमी संख्या 0.938 पर पुलिया बनाया जाना प्रस्तावित है। इसकी बेड विथ, वाटर डेप्थ, हेड डिस्चार्ज, फ्री बोर्ड आदि की जांच कर ली गई है। उच्चाधिकारियों से अनापत्ति प्राप्त करने के लिए पुलिया की ड्राइंग व डिजाइन उपलब्ध कराने के लिए बीडीओ को पत्र लिखा जा चुका है। यह उपलब्ध होते ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
